10 नैतिक कहानियां – Short Moral Stories In Hindi

Short Moral Stories In Hindi | नैतिक कहानियां हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये कहानियां न केवल मनोरंजन का स्रोत होती हैं, बल्कि हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। बचपन से ही हम इन कहानियों को सुनकर बड़े होते हैं, जो हमें सही और गलत की पहचान कराती हैं। इन कहानियों में सादगी होती है, लेकिन उनके संदेश गहरे और प्रभावी होते हैं। आइए, नैतिक कहानियों की इस दुनिया में खो जाते हैं और कुछ अनमोल सबक सीखते हैं। Related: 5 Short Stories Of Akbar And Birbal With Moral

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नैतिक कहानियां – Short Moral Stories In Hindi

नैतिक कहानियों का संग्रह हमारे दिलों को छू जाता है और हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इन कहानियों में जानवरों, पक्षियों और आम लोगों के अनुभवों के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाए जाते हैं। हर कहानी में छिपा होता है एक अनमोल संदेश, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देता है। आइए, इन अद्भुत कहानियों का आनंद लें और अपने जीवन को और बेहतर बनाएं।

प्यासा कौआ की नैतिक कहानियां – A Thirsty Crow Story In Hindi

A Thirsty Crow Story In Hindi | एक बार की बात है, गर्मी के दिनों में एक कौआ बहुत प्यासा था। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ रहा था, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था। अंत में, थक हार कर वह एक गांव में आया, जहाँ उसे एक घड़ा दिखाई दिया।

प्यासा कौआ की नैतिक कहानियां - A Thirsty Crow Story In Hindi
प्यासा कौआ की नैतिक कहानियां – A Thirsty Crow Story In Hindi

कौआ तुरंत घड़े के पास पहुंचा और देखा कि घड़े में थोड़ा सा पानी तो है, लेकिन वह इतना नीचे था कि उसकी चोंच तक नहीं पहुंच पा रहा था। कौआ बहुत निराश हुआ, लेकिन फिर उसे एक विचार आया।

उसने आसपास देखा और कुछ कंकड़ पाए। उसने एक-एक करके कंकड़ उठाए और घड़े में डालना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे कौआ कंकड़ डालता गया, पानी ऊपर आता गया। अंत में, जब पानी काफी ऊपर आ गया, तो कौआ ने आराम से पानी पी लिया।

कौआ की प्यास बुझ गई और वह बहुत खुश हुआ। उसने अपनी बुद्धिमत्ता और सूझबूझ से अपनी समस्या का हल निकाला था।

नैतिक शिक्षा – Moral of A Thirsty Crow Story In Hindi

प्यासा कौआ की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि समस्याओं का सामना करते समय हमें हार नहीं माननी चाहिए। बुद्धिमत्ता और धैर्य से काम लेने पर हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं और उसे हल कर सकते हैं।

लालची कुत्ता की नैतिक कहानियां – Lalchi Kutta Story In Hindi With Moral

Lalchi Kutta Story In Hindi With Moral | एक बार की बात है, एक गाँव में एक लालची कुत्ता रहता था। एक दिन, वह कसाई की दुकान के पास से गुजरा और उसने वहाँ से एक बड़ा हड्डी का टुकड़ा चुरा लिया। उस हड्डी को मुंह में दबाकर वह खुशी-खुशी अपने घर की ओर चल दिया।

लालची कुत्ता की नैतिक कहानियां - Lalchi Kutta Story In Hindi With Moral
लालची कुत्ता की नैतिक कहानियां – Lalchi Kutta Story In Hindi With Moral

रास्ते में उसे एक नदी मिली। वह नदी पार करने के लिए पुल पर चढ़ा। जैसे ही वह पुल के बीच में पहुंचा, उसने नदी में अपनी परछाई देखी। उसे लगा कि नदी में एक और कुत्ता है जिसके मुंह में एक हड्डी है। लालची कुत्ता सोचने लगा कि अगर वह उस कुत्ते से हड्डी छीन ले तो उसके पास दो हड्डियाँ होंगी।

उसने बिना सोचे समझे नदी में उस ‘दूसरे कुत्ते’ पर भौंकना शुरू कर दिया और जैसे ही उसने मुंह खोला, उसकी हड्डी पानी में गिर गई। वह पानी में देखता रह गया, लेकिन उसे अपनी हड्डी वापस नहीं मिली। वह बहुत पछताया, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। उसने अपनी लालच के कारण अपनी हड्डी खो दी थी।

नैतिक शिक्षा – Moral of the Lalchi Kutta Story In Hindi

लालची कुत्ता की कहानी हमें सिखाती है कि लालच बुरी बला है। अगर हम लालची बनेंगे तो अपने पास की चीजें भी खो देंगे। हमें हमेशा उसी में संतुष्ट रहना चाहिए जो हमारे पास है।

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गधा और धोबी की कहानी – Gadha Or Dhobi Story In Hindi

Gadha Or Dhobi Story In Hindi | बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक धोबी रहता था। उसके पास एक गधा था जिसे वह बहुत प्यार करता था। धोबी उस गधे का उपयोग कपड़े धोने के स्थान तक ले जाने और फिर उन्हें सूखने के लिए नदी के किनारे लाने में करता था।

गधा और धोबी की कहानी - Gadha Or Dhobi Story In Hindi
गधा और धोबी की कहानी – Gadha Or Dhobi Story In Hindi

एक दिन, धोबी ने देखा कि उसका गधा बहुत थका हुआ और कमजोर दिख रहा है। धोबी ने सोचा कि शायद गधे को आराम की जरूरत है। इसलिए उसने गधे को कुछ दिनों के लिए काम से छुट्टी दे दी और उसे घास के मैदान में चरने दिया।

मैदान में, गधा खुशी-खुशी घास खाने लगा और आराम करने लगा। लेकिन कुछ ही दिनों में, उसने अपनी ताकत वापस पा ली और बहुत तंदुरुस्त हो गया। एक दिन, जब वह मैदान में घूम रहा था, उसने देखा कि एक बाघ उसे घूर रहा है। गधा बहुत डर गया, लेकिन उसने हिम्मत जुटाई और बाघ को डराने के लिए जोर से रेंकना शुरू कर दिया।

बाघ, जो कि असल में एक छोटी बिल्ली थी, गधे की आवाज़ से घबरा कर भाग गई। गधा बहुत खुश हुआ और अपनी बुद्धिमत्ता और साहस की वजह से वह अपने आप को बहुत बहादुर समझने लगा।

लेकिन, जब वह वापस धोबी के पास गया, तो धोबी ने उसे फिर से काम पर लगा दिया। गधे को लगा कि अब वह बहुत शक्तिशाली है और उसने काम करने से इनकार कर दिया। लेकिन धोबी ने उसे समझाया कि उसका असली काम वही है जो उसे सौंपा गया है और उसे अपने काम को ईमानदारी से करना चाहिए।

नैतिक शिक्षा – Gadha Aur Dhobi Story Moral In Hindi

गधा और धोबी की कहानी - Gadha Aur Dhobi Story Moral In Hindi
गधा और धोबी की कहानी – Gadha Aur Dhobi Story Moral In Hindi

गधा और धोबी की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। हमें अपने काम को पूरी लगन और ईमानदारी से करना चाहिए। साथ ही, अपनी असली क्षमता और जिम्मेदारी को समझना चाहिए और अहंकार से बचना चाहिए।

शरारती चूहा की कहानी – Shararti Chuha Story In Hindi

Shararti Chuha Story In Hindi | एक गांव में एक शरारती चूहा रहता था, जो रोजाना अनाज के भंडार में जाकर अनाज खाता और उसे गिराता भी था। गांव के लोग उस चूहे से बहुत परेशान थे क्योंकि वह उनके घरों में भी बहुत उत्पात मचाता था।

शरारती चूहा की कहानी - Shararti Chuha Story In Hindi
शरारती चूहा की कहानी – Shararti Chuha Story In Hindi

एक दिन, गांववालों ने तय किया कि वे उस चूहे को पकड़ कर गांव से बाहर कर देंगे। उन्होंने चूहे को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया और उसमें स्वादिष्ट पनीर रख दिया। चूहा जैसे ही पनीर खाने के लिए जाल में गया, जाल उस पर बंद हो गया और वह पकड़ा गया।

गांववाले उसे लेकर जंगल की ओर चल दिए। चूहा बहुत डर गया और उसने अपने किए पर पछताया। उसने गांववालों से माफी मांगी और वादा किया कि वह आगे से कभी भी उन्हें परेशान नहीं करेगा। गांववालों को उस पर दया आ गई और उन्होंने उसे माफ कर दिया।

चूहा वापस गांव आया और उसने अपने वादे को निभाया। वह अब कभी भी अनाज के भंडार में नहीं गया और न ही किसी के घर में उत्पात मचाया। गांववाले भी उसके बदलाव से खुश थे।

नैतिक शिक्षा – Moral of the Shararti Chuha Story In Hindi

शरारती चूहा की कहानी हमें सिखाती है कि गलतियों की सुधार संभव है और दूसरा मौका मिलने पर हमें अपने व्यवहार में सुधार करना चाहिए। साथ ही, क्षमा करने की भावना रखने से समाज में सद्भाव और सहयोग बढ़ता है।

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हाथी और चूहा की कहानी – Elephant And Mouse Story In Hindi

एक जंगल में बहुत से हाथी रहते थे। उनके रहने का स्थान एक ऐसे रास्ते के पास था, जिससे होकर वे रोज झील तक पानी पीने जाया करते थे। इसी रास्ते में एक चूहों का बिल था, जिसमें बहुत सारे चूहे रहते थे।

हाथी और चूहा की कहानी - Elephant And Mouse Story In Hindi
हाथी और चूहा की कहानी – Elephant And Mouse Story In Hindi

जब भी हाथी झील की ओर जाते, उनके भारी पैरों से कई चूहे कुचल जाते। इससे चूहों में बहुत दुख और क्रोध था। एक दिन चूहों के राजा ने हाथियों के राजा के पास जाकर निवेदन किया कि वे अपना रास्ता बदल दें ताकि चूहे सुरक्षित रह सकें। हाथियों के राजा ने चूहे की बात समझी और अपना रास्ता बदल दिया।

कुछ समय बाद, जंगल में शिकारियों ने जाल बिछा दिए। एक दिन हाथियों का राजा उस जाल में फंस गया। वह जितना छटपटाता, जाल उतना ही कसता जाता। तब हाथियों के राजा ने चूहों को मदद के लिए पुकारा। चूहों का राजा और उसकी प्रजा तुरंत आई और अपने तेज दांतों से जाल को काट दिया। इस तरह चूहों ने हाथी का जीवन बचा लिया।

हाथी राजा चूहों की मदद के लिए बहुत आभारी थे। उस दिन के बाद, हाथी और चूहे अच्छे दोस्त बन गए और एक-दूसरे की मदद करते रहे।

नैतिक शिक्षा – Moral of The Elephant And Mouse Story In Hindi

हाथी और चूहा की कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी जीव छोटा या बड़ा नहीं होता, हर किसी की अपनी अहमियत होती है। आपसी समझ और मदद से बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी आसान हो सकती हैं।

कुम्हार का गधा की कहानी – Kumhaar Ka Gadha Very Short Moral Stories In Hindi

एक गाँव में एक कुम्हार रहता था। उसके पास एक गधा था जिसे वह अपने मिट्टी के बर्तनों को बाजार तक ले जाने के लिए इस्तेमाल करता था। गधा बहुत ही मेहनती था और कभी भी शिकायत नहीं करता था। हर दिन वह सुबह से शाम तक कुम्हार का सामान ढोता और उसे बहुत सारी दूरी तय करनी पड़ती थी।

कुम्हार का गधा की कहानी - Kumhaar Ka Gadha Very Short Moral Stories In Hindi
कुम्हार का गधा की कहानी – Kumhaar Ka Gadha Very Short Moral Stories In Hindi

एक दिन, गधे ने सुना कि गाँव के कुछ लोग उसे ‘मूर्ख’ और ‘धीमा’ कहकर चिढ़ा रहे हैं। यह सुनकर गधा बहुत दुखी हुआ और उसने सोचा कि वह अपने मालिक को दिखा देगा कि वह मूर्ख या धीमा नहीं है। अगले दिन, गधा बहुत तेजी से बर्तनों को लेकर चलने लगा। लेकिन उसकी तेजी की वजह से रास्ते में एक गड्ढे में उसका पैर फंस गया और गधा गिर पड़ा। इससे बहुत सारे बर्तन टूट गए।

कुम्हार जब यह देखा तो उसे बहुत दुख हुआ। उसने गधे को उठाया और धीरे से कहा, “बेटा, लोग क्या कहते हैं इससे तुम्हें क्या लेना। तुम्हारी मेहनत और ईमानदारी मेरे लिए मायने रखती है। तेज दौड़ने से अच्छा है कि तुम अपनी गति से चलो और सुरक्षित रहो।”

गधे ने अपने मालिक की बात समझी और फिर से अपनी पुरानी गति से चलने लगा। उसने अपनी क्षमता को पहचाना और कभी भी दूसरों की बातों में आकर खुद को नहीं बदला।

नैतिक शिक्षा – Moral of the Kumhaar Ka Gadha Very Short Story In Hindi

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें दूसरों की बातों से प्रभावित होकर अपनी प्राकृतिक क्षमता और गति को नहीं बदलना चाहिए। हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और अपनी क्षमताओं के अनुरूप ही कार्य करना चाहिए।

लकड़हारा और सोने की कुल्हाड़ी की कहानी – The Woodcutter And The Golden Axe Story In Hindi

एक गाँव में एक गरीब लकड़हारा रहता था जो रोज जंगल में जाकर लकड़ियाँ काटता था। वह बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था। एक दिन, जब वह नदी के किनारे लकड़ियाँ काट रहा था, उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से फिसलकर नदी में गिर गई। लकड़हारा बहुत दुखी हो गया क्योंकि वह उसकी एकमात्र कुल्हाड़ी थी और उसके पास दूसरी खरीदने के लिए पैसे नहीं थे।

लकड़हारा और सोने की कुल्हाड़ी की कहानी - The Woodcutter And The Golden Axe Story In Hindi
लकड़हारा और सोने की कुल्हाड़ी की कहानी – The Woodcutter And The Golden Axe Story In Hindi

लकड़हारा नदी के किनारे बैठ कर रोने लगा। उसकी पुकार सुनकर नदी की देवी प्रकट हुई। देवी ने उससे पूछा कि वह क्यों रो रहा है। लकड़हारा ने अपनी समस्या बताई। देवी ने नदी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई और पूछा कि क्या यह उसकी कुल्हाड़ी है। लकड़हारा ने ईमानदारी से जवाब दिया कि नहीं, यह उसकी नहीं है।

देवी फिर नदी में गई और इस बार एक चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आई। लकड़हारा फिर से मना कर दिया। अंत में, देवी ने उसकी असली लोहे की कुल्हाड़ी लाकर दी। लकड़हारा खुश होकर उसे पहचान लिया और बोला कि यही उसकी कुल्हाड़ी है।

देवी उसकी ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुई और उसे सोने और चांदी की कुल्हाड़ियाँ भी उपहार स्वरूप दे दीं। लकड़हारा धन्यवाद के साथ घर लौट आया और उसके बाद उसका जीवन सुखमय हो गया।

नैतिक शिक्षा – Moral of The Woodcutter And The Golden Axe Story In Hindi

यह कहानी हमें सिखाती है कि ईमानदारी हमेशा फल देती है। जो लोग ईमानदार रहते हैं, उन्हें जीवन में अक्सर अप्रत्याशित और बड़े पुरस्कार मिलते हैं। ईमानदारी एक महान गुण है जो हमेशा सम्मान और खुशियाँ प्रदान करता है।

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